Ancestral Property Distribution News: अब पैतृक संपत्ति अपने नाम कैसे करें? पूरी प्रोसेस और नए नियम जानें

Ancestral Property

भारत में ज्यादातर पारिवारिक विवाद पैतृक संपत्ति के बंटवारे को लेकर होते हैं। कई लोग अपने अधिकार होने के बावजूद जानकारी की कमी के कारण हिस्सा नहीं ले पाते। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने नियमों को सरल किया है, जिससे अब कोई भी व्यक्ति बिना झगड़ा–विवाद, कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से अपनी ancestral property अपने नाम करवाने का अधिकार रखता है।

नई व्यवस्था के तहत आप घर बैठे भी रिकॉर्ड चेक कर सकते हैं और अपने हिस्से का दावा पूरी तरह कानून के अनुसार कर सकते हैं।

पैतृक संपत्ति क्या होती है?

पैतृक संपत्ति वह जमीन या मकान होता है:

  • जो चार पीढ़ियों से चलता आ रहा हो
  • जिसे परिवार के किसी सदस्य ने व्यक्तिगत रूप से न खरीदा हो
  • जिसमें पिता, दादा, पुत्र, पुत्री सभी का समान अधिकार हो

यदि संपत्ति दादा या परदादा से मिली है, तो परिवार के सभी सदस्यों को बराबर हिस्सा मिलता है।

नए कानून के अनुसार किसे मिलता है हिस्सा? (Hindu Succession Act 1956)

कानून के अनुसार

✔ बेटे और बेटी—दोनों को बराबर हिस्सा

पहले केवल पुरुषों को अधिकार मिलता था, लेकिन संशोधन के बाद लड़की को भी उतना ही अधिकार है जितना लड़के को।

✔ विवाहित बेटियों को भी पूर्ण अधिकार

शादी हो जाने के बाद भी बेटी अपने पैतृक संपत्ति में हिस्सा ले सकती है।

✔ पुत्र-पुत्री दोनों को जन्म से अधिकार

जन्म के साथ ही बच्चा पैतृक संपत्ति पर हकदार हो जाता है।

पैतृक संपत्ति का बंटवारा कैसे करें? (Legal Process) Ancestral Property

बिना किसी विवाद के जमीन का बंटवारा अब कोर्ट के आदेश और सरकारी सिस्टम के अनुसार बहुत आसान हो चुका है।

बंटवारा करने के मुख्य तरीके:

1️⃣ आपसी सहमति (Mutual Partition)

परिवार आपस में सहमति बनाकर हिस्सों का निर्धारण कर सकता है।
यह सबसे आसान और तेजी से पूरी होने वाली प्रक्रिया है।

2️⃣ कानूनी बंटवारा (Court Partition Suit)

यदि परिवार में विवाद है, तो सिविल कोर्ट में partition suit दाखिल किया जाता है।
कोर्ट सभी कागज़ देखकर हिस्सेदारी का आदेश जारी करता है।

अपने हिस्से की पुष्टि और नामांतरण (Mutation) कैसे करें? Ancestral Property

✔ Step 1: भूमि रिकॉर्ड देखें

  • अपने जिले/राज्य के Land Record Portal पर जाएं
  • खतौनी, खसरा नंबर या गाटा नंबर से जमीन की जानकारी देखें

✔ Step 2: तहसील कार्यालय में आवेदन

निम्न दस्तावेज साथ ले जाएँ:

  • आधार कार्ड
  • जमीन के रिकॉर्ड (खतौनी/खसरा/रजिस्ट्री)
  • परिवार के सदस्य की सहमति (यदि उपलब्ध हो)
  • आवेदन पत्र

✔ Step 3: रिकॉर्ड वेरिफिकेशन

तहसीलदार या उप-निबंधक रिकॉर्ड की जांच करेगा।

✔ Step 4: Mutation (नामांतरण)

जांच पूरी होने पर आपका नाम आधिकारिक रूप से रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएगा।

सरकार द्वारा शुरू की गई महत्वपूर्ण डिजिटल योजनाएँ

Digital Land Record Modernization Programme (DLRMP)

भूमि रिकॉर्ड पूरी तरह डिजिटल किए जा रहे हैं ताकि लोग घर बैठे जानकारी प्राप्त कर सकें।

राज्य स्तरीय भूमि अभिलेख पोर्टल

हर राज्य का अपना Bhulekh Portal है, जहां आप—

  • ऑनलाइन रिकॉर्ड देख सकते हैं
  • नाम चेक कर सकते हैं
  • जमीन की स्थिति जान सकते हैं

✔ शिकायत निवारण केंद्र

पटवारी और तहसील स्तर पर केंद्र बनाए गए हैं जहाँ—

  • नामांतरण
  • विवाद
  • कागज जांच
    का समाधान किया जाता है।

निष्कर्ष: क्या अब पैतृक संपत्ति लेना आसान है?

हाँ!
सरकार के नए नियमों व डिजिटल सिस्टम की वजह से पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा लेना अब पहले से बहुत आसान हो चुका है।
बिना लड़ाई-झगड़े, बिना तनाव और बिना जटिलता के आप—

  • अपना हिस्सा निर्धारण कर सकते हैं
  • जमीन का रिकॉर्ड देख सकते हैं
  • जमीन अपने नाम करा सकते हैं

बस सही कानूनी प्रक्रिया अपनाना ज़रूरी है।

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